किस्मत
किस्मत
वक्त ने आज फिर मक्कारी की है,
मेरे अपनों ने मुझसे गद्दारी की है।
'काफ़िर' यूँही नहीं बदले हैं रंग चेहरों के,
यकीनन किस्मत ने कलाकारी की है ॥
वक्त ने आज फिर मक्कारी की है,
मेरे अपनों ने मुझसे गद्दारी की है।
'काफ़िर' यूँही नहीं बदले हैं रंग चेहरों के,
यकीनन किस्मत ने कलाकारी की है ॥