STORYMIRROR

रूपेश श्रीवास्तव 'काफ़िर'

Abstract Classics Inspirational

4.0  

रूपेश श्रीवास्तव 'काफ़िर'

Abstract Classics Inspirational

वतन मेरा

वतन मेरा

1 min
115


गुलों से भरा है चमन मेरा, 

ये जमीं मेरी ये वतन मेरा।


जब आई मुश्किल कभी, 

मुल्क ने थामा दामन मेरा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract