रूपेश श्रीवास्तव 'काफ़िर'
Abstract Classics Inspirational
गुलों से भरा है चमन मेरा,
ये जमीं मेरी ये वतन मेरा।
जब आई मुश्किल कभी,
मुल्क ने थामा दामन मेरा।
मोहब्बत
सच
दोस्ती
खेल पुराना चल...
किस्मत
वतन मेरा
बात नहीं होगी...
मन का दीप जला...
सलाम
ध्यान
मौन है मानवता मानव पीड़ा देख कर। तृप्त हैं उनकी अंगेठी मे रोटी सेंक कर। मौन है मानवता मानव पीड़ा देख कर। तृप्त हैं उनकी अंगेठी मे रोटी सेंक कर।
चुनवें जा दाना चली, चिरैया लागे भली। चुनवें जा दाना चली, चिरैया लागे भली।
कल की पीढ़ी आज की पीढ़ी से बतिया रही है. कल की पीढ़ी आज की पीढ़ी से बतिया रही है.
उस आईने को तोड़ दिया हमनें अब, जिसमें तेरी सूरत नज़र आती है। उस आईने को तोड़ दिया हमनें अब, जिसमें तेरी सूरत नज़र आती है।
दिल का राज, जानता है आइना, चुप रहता। दिल का राज, जानता है आइना, चुप रहता।
खुद से ही आज अब तक गैर हुआ हूँ, अभी खुद से खुद की तलाश बाकी है। खुद से ही आज अब तक गैर हुआ हूँ, अभी खुद से खुद की तलाश बाकी है।
यह बातें बड़ी प्यारी, सबसे न्यारी, जीवन रूपी क्यारी, की मनभावन फुलवारी ! यह बातें बड़ी प्यारी, सबसे न्यारी, जीवन रूपी क्यारी, की मनभावन फुलवारी !
अन्तर्मन मे छुपे हुये, भावों का करे प्रगटान हिन्दी ………………….. अन्तर्मन मे छुपे हुये, भावों का करे प्रगटान हिन्दी …………………..
चाहा जो उनका साथ तो हँसकर मुकर गये।। चाहा जो उनका साथ तो हँसकर मुकर गये।।
एक राह अलग बनाने को यहि समय है सही समय है। एक राह अलग बनाने को यहि समय है सही समय है।
निश्छल, निर्मल ,पवित्र विचार सबसे रखता सम व्यवहार। निश्छल, निर्मल ,पवित्र विचार सबसे रखता सम व्यवहार।
हमारी संस्कृति हैं हिंदी हमारा आचरण हैं हिंदी हमारी संस्कृति हैं हिंदी हमारा आचरण हैं हिंदी
सामने वाले की बात सहजता से सबके समझ में आ जाती है। सामने वाले की बात सहजता से सबके समझ में आ जाती है।
आशाओं के डोर थामे चले हम, निराशाओं को दूर करें हम, आशाओं के डोर थामे चले हम, निराशाओं को दूर करें हम,
इन सभी से मिलकर ही आता सम्पूर्ण जीवन में संज्ञान।। इन सभी से मिलकर ही आता सम्पूर्ण जीवन में संज्ञान।।
रूप के सौदागर समझते खुदको! काले रंग से घबराए हैं!! रूप के सौदागर समझते खुदको! काले रंग से घबराए हैं!!
ज़िन्दगी में क्या कुछ कम हैं ग़म इश्क कर फिर कोई क्यों अपनी नींद ख़राब करें। ज़िन्दगी में क्या कुछ कम हैं ग़म इश्क कर फिर कोई क्यों अपनी नींद ख़राब करें।
कुछ ना हो सका तो कभी जिंदगी में हालातों ने मारा। कुछ ना हो सका तो कभी जिंदगी में हालातों ने मारा।
अपने ही जाल में तुम उलझ के रह जाओगे, रूह के नजर में सुर्खरू कब बन पाओगे। अपने ही जाल में तुम उलझ के रह जाओगे, रूह के नजर में सुर्खरू कब बन पाओगे।
खुद को खुद से खींच रहा हूं भीगी पलकें मींच रहा हूं। खुद को खुद से खींच रहा हूं भीगी पलकें मींच रहा हूं।