पिंजरे की चिड़िया
पिंजरे की चिड़िया
कैसी होती है एक स्वच्छंद चिड़िया...?
देखी होगी तुमने भी एक प्यारी सी चिड़िया।
नीलम सी दो प्यारी आँखें,
और दो पंखों का खुला जोड़ा।
अपनी नन्ही सी चोंच में अक्सर लिए फिरती है
एक बेफिक्री का टुकड़ा,
फुदकती चहकती रहती है एक डाल से दूसरी डाल...
वो छोटी सी चिड़िया।
हम्म....
लगती हूँ ना, मैं भी देखने में एक स्वच्छंद सी चिड़िया,
दिखने में हैं मेरी भी दो गोल बड़ी सी आँखें,
और जी... पाश्चात्य कपड़ों में सजी जैसे एक स्वच्छंद चिड़िया।
डेबिट, क्रेडिट कार्ड संभालते हैं हाथ मेरे,
फिर भी फैसले होते है मेरे किसी और के मोहताज।
मैं फुदकती भी हूँ, चहकती भी हूँ,
लेकिन एक दायरे में....
और सबको लगती हूँ मैं भी एक स्वच्छंद चिड़िया,
जबकि असल में हूँ मैं...एक पिंजरे की चिड़िया।।