एक दुआ
एक दुआ
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वो है तो हम है,
बस एक ग़म है,
हम पूरे होकर भी कम है,
हर बार आँखे हो जाती नम है।
सुबह से शाम आई,
यादों को साथ लाई,
हमने अपनी किस्मत खाली पाई,
फिर भी हमने दवा-ए-इश्क़ खाई।
वो यहाँ नही है,
वो जहाँ कही है,
दुआ एक अनकही है,
वो बिल्कुल सही है।