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Madhurendra Mishra

Romance

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Madhurendra Mishra

Romance

एक सवाल का जवाब दोगे

एक सवाल का जवाब दोगे

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भुला देंगे उसे

लेकिन एक सवाल का जवाब दोगे,

क्या यह सच्ची मोहब्बत नहीं

मेरी इश्क़-ए-कहानी सुनोगे।


वो ही एक उम्मीद-ए-ज़िन्दगी है

भुला कैसे दें उसे,

बेशक़ दिल तोड़कर गयी है

रुला कैसे दे उसे।


उसका होना दो पल ही सही था

रोकते कैसे जाने से,

जब रोका नही था उसको मैंने

मेरी ज़िंदगी में आने से।


चेहरा उसका इस कदर था

जैसे कोई खिला गुलाब हो,

उसकी आँखें इतनी खूबसूरत

जैसे कोई गेहरा तलाब हो।


जिसने सब्र सिखाया था ज़िन्दगी में

मुस्कुराना ही जिसकी अदा है,

उसके आगे तो 

वक़्त भी आकर फिदा है।


हाँ चली गयी है वो

क्या वापिस आएगी,

न जाने आने वाली बारिश

फिर किस कदर रुलाएगी।


वो अभी भी दिखती है रोज़

नज़रे हटती नही है,

दिन तो बीत जाते है

बस ये रातें कटती नही है।


वो एक दिन मेरी होगी

भरोसे का सजा अंबार है,

इतनी आसानी से हारा नही मैं

क्योंकि वो ही मेरा पहला प्यार है।


नहीं तो भुला देंगे उसे 

लेकिन एक सवाल का जवाब दोगे,

हार के बाद मेरी

क्या एक बोतल हाथ में शराब दोगे।?


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