STORYMIRROR

Madhurendra Mishra

Romance

4  

Madhurendra Mishra

Romance

मेरा वादा तुम्हारा इरादा

मेरा वादा तुम्हारा इरादा

1 min
487

अकेलेपन के मौसम में,

आँसुओं की बरसात है,

दिन कटते हैं तन्हाई में,

गम से भरी रात है।


क्या यही होता है असर

इश्क़ का इस दिल पर,

जब सफर सुहाना

तब हार होती है मंज़िल पर।


वो इस कदर नज़र छुपाते हैं 

जैसे अनजान हो,

नही पहचानते तुम्हें 

मन में ऐसे अरमान हो।


बुरा तो लगता है 

पर चुप रह जाते है,

महफ़िल से बाहर हम

रोते-रोते आते है।


तेरी मोहब्बत पर गुमान

आज भी उतना ही है,

खोकर भी तुझे पाने की

उम्मीद को कायम रखना ही है।


दर्द के तराने इस ख़्याली

दुनिया में गाते हैं,

भीड़ से भरी इस दरिया में

खुद को अकेला पाते हैं।


तुम्हारी मुस्कुराहट पर 

आज भी मरते है,

तुम्हारी एक झलक के लिए 

क्या-क्या नहीं करते हैं।


मान जाना किसी दिन तुम मेरी बात को

कलम भी गुज़ारिश करती है,

हर दिन तुमसे मिलने की अब तो

कायनात भी सिफ़ारिश करती है।


तुम अब भी मेरा पहला प्यार हो,

भुलेंगे नहीं तुम्हें ये वादा है,

लिख दिया है सच मैंने,

बताओ इस पर तुम्हारा क्या इरादा है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance