मेरी मां
मेरी मां
एक बार फिर तेरे सीने से लगना है,
एक बार फिर तेरे आंचल में छिपना है,
एक बार फिर खानी है तेरी डांट,
एक बार फिर तेरे मुंह से ,
अपना नाम सुनना है।
माना तुम अब नहीं हो,
मैंने यकीं अभी नहीं किया है,
तुम्हारे ना होने का एहसास,
तो कई बार हुआ ,
पर तुम हो
हमेशा ही मेरे आसपास ,
ऐसा ही महसूस किया है।
एक बार फिर पुकारो ना,
पुचकारो ना, डांटो मुझे,
तो कभी दुलारो ना।
बहुत सी बातें करनी हैं तुम से,
बांटने बहुत से जज़्बात हैं,
एक बार फिर गले लगा लो ना,
हर जाए सारी पीड़ा मेरी,
फिर अपनी गोद सुला लो ना।
ना जाने तुम कब फिर मिलोगी,
ना जाने फिर कब दिखोगी,
पर जानती हूं मैं
साथ हमेशा ही मेरे हो और रहोगी।
जब उदास होती हूँ मैं
आंसू पोछने तुम आती हो,
जब उलझन होती है कोई ,
तुम ही हल सुझाती हो,
जब जवाब नहीं मिलता ,
कभी किसी समस्या का,
तुम ही तो मुझे रास्ता दिखाती हो।
खुश होती हो, हंसती हो,
मेरी हर सफलता पर तुम,
प्यार से मेरा सिर सहलाती हो,
तुम हो मेरे अंदर ही बसती,
मुझे हमेशा ही ऐसा लगता है।
मुझे हारने कभी नहीं देती हो,
हमेशा ही मेरी ताकत बन जाती हो,
मां तुम बहुत बहुत याद आती हो।
