मुझे तुम सदा चहकती हुई ही अच्छी लगती हो मुझे तुम सदा चहकती हुई ही अच्छी लगती हो
फुदकती चहकती रहती है एक डाल से दूसरी डाल. फुदकती चहकती रहती है एक डाल से दूसरी डाल.
बेटियां हों तो घर में चहकती हैं, उनके बिना घर भी होता है सूना, बेटियां हों तो घर में चहकती हैं, उनके बिना घर भी होता है सूना,
सारे दर्द को खुद में समेटे मैं तुम्हें फाँसी पे लटकी हुई दिखूंगी। सारे दर्द को खुद में समेटे मैं तुम्हें फाँसी पे लटकी हुई दिखूंगी।
बिखरे घर को समेट कर नया सा फिर बनाती है बिखरे घर को समेट कर नया सा फिर बनाती है