गौर वर्ण सर्वांग सुंदर सुंदरी तुम ही कहलाई हो। पूरा कर घरेलू कार्यों को निपुण तुम गौर वर्ण सर्वांग सुंदर सुंदरी तुम ही कहलाई हो। पूरा कर घरेलू कार्यों को ...
घर को सजाती संवारती बहन। कभी गुरु कभी मित्र बन जाए, घर को सजाती संवारती बहन। कभी गुरु कभी मित्र बन जाए,
प्रातः ताजगी के भर के रंग सुंदर चित्र सा पुनः सजाती हूँ प्रातः ताजगी के भर के रंग सुंदर चित्र सा पुनः सजाती हूँ
फूलों सा महकना बताती है माँ। फूलों सा महकना बताती है माँ।
बेटियां हों तो घर में चहकती हैं, उनके बिना घर भी होता है सूना, बेटियां हों तो घर में चहकती हैं, उनके बिना घर भी होता है सूना,
सजाती हैं, संवारती हैं बेल सी लतर जाती हैं सजाती हैं, संवारती हैं बेल सी लतर जाती हैं