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Archana Saxena

Inspirational Others

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Archana Saxena

Inspirational Others

मुस्कुराती हूँ

मुस्कुराती हूँ

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हर सुबह यूँ ही मुस्कुराती हूँ

गुनगुनी धूप की तपन मन में भर

 गुनगुनाती हूँ, कोई गीत गाती हूँ

रात कोहरे की चादर में लिपटा

स्याह पड़ा था जो चित्त

प्रातः ताजगी के भर के रंग

सुंदर चित्र सा पुनः सजाती हूँ

काली सफेद पड़ती जिंदगी में

इन्द्रधनुष फिर उतर आता है

मिलती हैं फिर से श्वासें उसे

रात के संग सपना जो ढल जाता है

बेज़ार ज़िंदगी को काटना नहीं मुझे

इसीलिए खुल कर मैं जीये जाती हूँ

हर सुबह यूँ ही मुस्कुराती हूँ

गुनगुनाती हूँ, गीत गाती हूँ


  


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