कैसी विडंबना है मेरी किस्मत में किस कारण में यहाँ आई हूँ ? कैसी विडंबना है मेरी किस्मत में किस कारण में यहाँ आई हूँ ?
मैं आज भी कैसे पराई हूँ मैं आज भी कैसे पराई हूँ
ससुर पिता मिले, सास माता , नंद बहन लगे, देवर भ्राता ससुर पिता मिले, सास माता , नंद बहन लगे, देवर भ्राता
जन्मों के संचित पुण्यों से मिलती हैं बेटियां। जन्मों के संचित पुण्यों से मिलती हैं बेटियां।
मूल्य की सीमा यहां चमड़ी के रंग से घटती बढ़ती और बढ़ती जाती है मूल्य की सीमा यहां चमड़ी के रंग से घटती बढ़ती और बढ़ती जाती है
बस एक चाबी वाली गुड़िया समझ, अपने इशारों पर नचाना चाहते हो! बस एक चाबी वाली गुड़िया समझ, अपने इशारों पर नचाना चाहते हो!