मेरा जीवन तुम हो
मेरा जीवन तुम हो
जीवन में मेरे फूलों जैसे
तुम ही तो बहार लाई हो।
चमकते तारे सी झिलमिल
बन तुम ही जीवन में छाई हो।
सूर्य के प्रकाश सी दमकती
लालिमा तुम ही तो लाई हो।
काली सघन केश राशि से
काली बदली तुम ही लाई हो।
गौर वर्ण सर्वांग सुंदर
सुंदरी तुम ही कहलाई हो।
पूरा कर घरेलू कार्यों को
निपुण तुम ही कहलाई हो।
अस्त-व्यस्त घर सँवारकर
सयानी तुम ही कह लाई हो।
दुलारती, सँवारती, सजाती
हम में ही रहती तुम खोई हो।
फिर अचानक हमसे
रूठ कर तुम क्यों चली गई हो।
फिर भी मैं पराई हूँ
यही तुम क्यों कहती आई हो।
यहां सब कुछ है तुम्हारा
इस दिल में तुम ही रहती आई हो।
यह घर है सिर्फ तुम्हारा
यहाँ ख़ुशियाँ तुम ही साथ लाई हो।
