माँ की तरह नहीं जननी ही है हमारी प्राथमिक उपभोक्ता ये वृक्ष ही तो है हमसे पहले ये ही त... माँ की तरह नहीं जननी ही है हमारी प्राथमिक उपभोक्ता ये वृक्ष ही तो है ...
अब नहीं और टेक्टोनिक विवर्तन बढ़ाना है। अब नहीं और टेक्टोनिक विवर्तन बढ़ाना है।
फिर कहते हो धरती मेरी माँ है। तुम हो धरती माँ के पापी की बेटे। धरती माँ ने तुम्हें अपनी। ... फिर कहते हो धरती मेरी माँ है। तुम हो धरती माँ के पापी की बेटे। धरती माँ ...
स्व-संस्कृति पर नहीं तनिक भी गर्व इसे, प्रकृति से जुड़े हुए आज विस्मृत पर्व इसे। स्व-संस्कृति पर नहीं तनिक भी गर्व इसे, प्रकृति से जुड़े हुए आज विस्मृत प...
पिघल रहे विशाल हिमखंड, बढ़ रहा प्रदूषण, सब तुम्हारे चिन्ता का विषय है। पिघल रहे विशाल हिमखंड, बढ़ रहा प्रदूषण, सब तुम्हारे चिन्ता का विषय है।
जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त संकट में पड़ा है मानव जीवन। जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त संकट में पड़ा है मानव जीवन।