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Poonam Jha 'Prathma'

Drama

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Poonam Jha 'Prathma'

Drama

संकट में जीवन

संकट में जीवन

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करके प्रकृति से खिलवाड़,

प्रकृति को किया है बीमार,

संकट में घेरा खुद को मानव

करके धरती से छेड़छाड़।


काट-काट वन को बेधड़क,

बना लिया फैक्टरी, सड़क,

न सोचा न समझा आगे की

देखा चकाचौंध तड़क-भड़क।


किया है धरती का जो दोहन,

हुआ दूषित अब ये वातावरण,

जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

संकट में पड़ा है मानव जीवन।


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