कहना आसान है
कहना आसान है
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हर दर्द भूल जाओ
कहना कितना आसान है,
बीती बातें भूल जाओ
कहना कितना आसान है,
कोई अपमान भूल जाओ
कहना कितना आसान है,
एकबार झांककर देखो
जो कहते हैं उनमें
उसने क्या-क्या भुला दिया ?
तो छलनी हुई आत्मा मिलेगी
लहुलुहान हुआ दिल मिलेगा,
जरा छेड़कर देखो
बीती बातों को उनसे
अंगार बरसते शब्द मिलेंगे,
क्योंकि कहना आसान है,
लेकिन दर्द भूलना आसान नहीं,
अपमान सहकर हँसना आसान है,
लेकिन अपमान भूलना आसान नहीं,
बीती बातें भूलने का
नाटक करना आसान है,
लेकिन बीती बातें भूलना आसान नहीं ।