हिंदी
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सुबह की लालिमा हो
या हो सुनहरी शाम,
अविरल बहती नदियाँ हो,
या हो स्वर्णिम आसमान,
कोयल की कूक हो,
चिड़ियों की चहचहाहट,
झरने की कल कल धारा,
या बादलों की गर्जना हो,
दिल की दर्द भरी वेदना हो,
या हो उमंग भरा गान,
सबके प्रति संवेदना हो,
या रचना हो कोई स्वांग,
जन-जन तक कैसे पहुँचाओगे,
हाव-भाव से कैसे समझाओगे,
हिंदुस्तान के वासी हो तुम,
मत भूलो हिंदी भाषी हो तुम,
उकेर डालो हिंदी में उन भावों को,
भर डालो शब्दों से उन घावों को,
सभी भावनाएँ दिल में उतर जाती है,
यदि अहसास हिंदी में रची जाती है ।