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Mamta Singh Devaa

Tragedy Inspirational

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Mamta Singh Devaa

Tragedy Inspirational

हम प्रकृति के भक्षक

हम प्रकृति के भक्षक

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हमने अपनी बुद्धि का परिचय दिया

हरे भरे जीवन देते पेड़ो को

एक पल में काट दिया,


हमारी लोलुपता बढ़ती ही जा रही है

अपनी सुख सुविधाओं के लिए

मति भ्रष्ट होती ही जा रही है,


हम एक पेड़ भी रोपेंगे नहीं

भले सौ पेड़ काटें

इस अपनी आदत को रोकेंगे नहीं,


ये पेड़ हमारे रक्षक है

हमारी सांसों के संरक्षक हैं

और हम प्रकृति के भक्षक है,


ये पेड़ जानवरों के घर हैं

इनके बिना तो ये सब 

हो गये बेघर हैं,


ग्लानि नहीं होती देखकर

कटे पेड़ के साये में भी

भालू सो गया है लेटकर ।



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