हम फौजी तुम्हारे है
हम फौजी तुम्हारे है
चल पड़े हैं कदम हमारे,
मातृभूमि की रक्षा को।
प्रण हैं कदम सदा बढ़ेंगे,
जन जन की सुरक्षा को।
सूत्र सेवा धर्म का लिए,
मुस्काते हम चलते हैं।
जन जन रक्षा के लिए,
कदम बढ़ाते चलते है।
मिटाने हर कष्ट को हम,
सदा तैयार रहते है।
कितना भी प्रलयंकारी समय,
हम टकराते चलते हैं।
राह रोके जो हमारी,
ऐसा कोई तूफान नहीं।
थक कर जो रुक जाए,
ऐसी हमारी चाल नहीं।
माँ भारती के लाल हम,
प्रणाम तुम्हें हम करते हैं।
तेरे ही आँचल की छाँव में,
हम विश्राम करते हैं।
मत डरना हे हिन्दुस्तानियों,
हम रक्षक तुम्हारे है।
देश धर्म पर मर मिटने वाले,
हम अपने तुम्हारे है।।