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Anushree Goswami

Drama Inspirational

5.0  

Anushree Goswami

Drama Inspirational

हम अमर बने

हम अमर बने

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सब्र का इम्तहान था,

बेसब्र बनकर चल दिए।

खुद्दारी का इम्तहान था,

गद्दार बनकर चल दिए।

चलना था इंसान बन,

हैवान बनकर चल दिए।

ईश्वर का भी डर न था,

जल्लाद बनकर चल दिए।


क्यों तुम बने,

क्यों तुम जिए,

न जीते तो हम जीते।

राख में मिलकर न ख़ाक हुए,

हम आग बने, हम राग बने।


लोगों के अश्रु, लोगों का गुस्सा,

लोगों के दिल में,

हम बसे, सिर्फ हम बसे।


क्या पाया तुमने बन-बनकर,

हम बिन बने सबकुछ बने।

हो गए हम पंचतत्व में विलीन,

हम आब बने, हम आग बने।


हम बने माटी, हम बने पवन,

हम शक्ति बने, हम शक्ति बने।

तुम जी लो जितना जीना है,

क्या करोगे अब तुम जीकर भी-

पछताओगे, पछताओगे,

एक दिन तुम भी तो मर ही जाओगे।


क्या पाया तुमने बन-बनकर,

हम बिन बने सबकुछ बने,

हम दिल बने, हम जान बने,

हम जोश बने, आवाज़ बने,

हम मरकर भी जिंदा हैं,

हम अमर बने, हम अमर बने।।


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