STORYMIRROR

Pankaj Prabhat

Drama Tragedy

4  

Pankaj Prabhat

Drama Tragedy

ऐ मेरी ज़िंदगी.....

ऐ मेरी ज़िंदगी.....

2 mins
446


जीने का सबब है, न मरने का अदब है,

ऐ मेरी जिंदगी तेरी, ये कहानी भी गजब है।


जिस मोड़ से गुजरा, खुशियाँ थी पर परायी,

हर बार भीड़ में थे, पर साथ थी सिर्फ तन्हाई,

न राम मिले न माया, न धूप मिली न छाया,

अगर कुछ हाँथ लगा, तो सिर्फ एक कसक है,

ऐ मेरी ज़िंदगी तेरी, ये कहानी भी गजब है।


रात भर भोर की उम्मीद, हर भोर नई भोर की,

हर छोर छूटता रहा, फिर खोज नए छोर की,

भटक

से गये हम, खुद के ही भ्रम जाल में,

एक रोग हो गए खुद ही, थम रही नबज़ है,

ऐ मेरी ज़िंदगी तेरी, ये कहानी भी ग़जब है।


न मिसाल बन सके, न मशाल ही हो सके,

न हँसा सके किसी को, न खुद ही रो सके,

एक आस है उसकी, जो फिर पंकज को खिला दे,

फिर प्रभात हो मुकम्मल, फिर खुशबू की ललक है

ऐ मेरी ज़िंदगी तेरी, ये कहानी भी गजब है।


जीने का सबब है, न मरने का अदब है,

ऐ मेरी जिंदगी तेरी, ये कहानी भी गजब है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama