गुरु आपको नमन
गुरु आपको नमन
ज्ञान रूपी उजाले से परिचित कराकर,
हे गुरुवर आपने मुझे धन्य कर दिया।
अज्ञान रूपी काला अंधियारा मिटाकर,
मुझे एक शिक्षित इन्सान बना दिया।।
सीखा है सब कुछ आप से ही हमने
शिष्टाचार भी करना बताया आपने।
कलम में होती हैं बड़ी अनोखी ताकत,
इस तथ्य से रूबरू कराया आपने।।
गुरु का महत्व ना होगा कभी कम,
कर ले चाहे कितनी उन्नति हम।
दीये के समान जीवन को रौशन करते हैं,
कुछ इस तरह गुरु अपना फर्ज निभाते हैं।।
गुरुवर आपका मोल कैसे मैं चुकाऊँ,
आपके क़र्ज़ को मै उतार न पाऊँ।
करते हैं हम आपको सहर्ष हो अभिनन्दन,
आपके पूज्यनीय चरणों को सत सत नमन।।
