STORYMIRROR

AVINASH KUMAR

Children Stories

3  

AVINASH KUMAR

Children Stories

रात की कहानी

रात की कहानी

1 min
267

दूर गगन में देखा मैंने 

चाँद के पास एक तारा 

दादी जिसे बचपन में कहती

धुर्वतारा है सबसे प्यारा


सूने मैदान से देखा मैंने 

आकाश का ये अद्भुत नज़ारा 

जमीं थी पूरी डूबी रस में 

भौंरा फूलों पर मंडराता 


हरसिंगार रात की रानी 

सुगंध बिखराते हैं मस्तानी

मन में हलचल मचती फिर 

रोज देखते चाँद की चांदनी


हमने है जबसे ये जाना

चाँद को अपना गुरु है माना 

दिखा देता है ये कारस्तानी 

मन एकाग्र कर ले ध्यानी


रात सन्नाटे की आवाज़ 

झींगुर करता है परवाज

मन के अंधियारे में फिर कोई 

जुगनू दिया दिखाता आज


सन्नाटे में हैं अद्भुत शान्ति 

दावे से कहता है अविनाश 

सारे मन में फिर शून्यता 

भर देता है नीला आकाश



Rate this content
Log in