वो गुब्बारे वाला
वो गुब्बारे वाला
लाल बत्ती जलते ही,
गाड़ी के रुकते ही,
नीले पीले हरे गुलाबी,
ले आया वो हवा के मोती।
नंगे नंगे पैरों से चलता,
पांच बसंत छठा है अगला,
कमीज़ जैसे हवा महल,
साथ में थैला है मैला।
सर्दियों की ठिठुरन पिछाड़ी,
ठंडी हवा ने हंसी उड़ाई,
एक एक से कहता जाता,
गुब्बारे का बन जाओ साथी।
आगे पीछे बाएं दाएं,
रंग बिरंगें मन को लुभाएँ,
दस रुपये में बच्चों को हँसाये,
उसके पेट की भूख मिटायें।
सोच कर मन हर्षाया,
बालक ने क्या कर दिखाया,
वक़्त को दी मेहनत से मात,
सारे गुब्बारे बेच कर आया।
मैंने भी ले लिए गुलाबी,
उसके चहरे की रंगत सुधारी,
खुशी खुशी मुस्कुराता चला,
वो गुब्बारे वाला चला।