नारी सशक्तिकरण
नारी सशक्तिकरण
मेरे देश की बेटियों सुनो,
मन में दृढ़ संकल्प भर लो।
नहीं कहलाना अब लाचार,
आत्म रक्षा बना लो हथियार।।
बहुत हो गया रोना-धोना,
बहुत हो गई ताना शाही।
त्याग समर्पण बहुत हो चुका,
अपने हित की बारी आयी।।
चित, चेतना और निश्चय कर,
तलवार उठा हुंकार भरकर।
खुद की रक्षा स्वयं के हाथों,
धूमिल कर गैर के इरादों को।।
समझदारी से सबको पहचानो,
अच्छा- बुरा का अंतर जानो।
तुम समाज का बोझ नहीं हो,
ये समझना होगा सभी जनों को।।
