चिमनियों से उगलता हुआ धुआं, यही अब तो बादल न्यारे हो गए... चिमनियों से उगलता हुआ धुआं, यही अब तो बादल न्यारे हो गए...
इस शोर मचाती दुनिया के बीच अपनी आवाज़ की अलग ही खनक है। इस शोर मचाती दुनिया के बीच अपनी आवाज़ की अलग ही खनक है।
सिर्फ स्वार्थ में घिरा मन जो देता बस उपदेश। सिर्फ स्वार्थ में घिरा मन जो देता बस उपदेश।
आर्यावर्त में फिर से आइये मन की आशा पुरी करने को... आर्यावर्त में फिर से आइये मन की आशा पुरी करने को...
जो वोटों की रोटी सेंक रहे, वो बस हमें सपने ही दिखाएंगे, जिनकी फितरत में हैं। .. जो वोटों की रोटी सेंक रहे, वो बस हमें सपने ही दिखाएंगे, जिनकी फितरत में...
इनके बढ़ते कदम न रोको वरना धूमिल होंगी सृष्टियाँ। इनके बढ़ते कदम न रोको वरना धूमिल होंगी सृष्टियाँ।