गौरैया
गौरैया
लो फिर आ गई गौरैया,
सुंदर भोली भाली गौरैया।
खुली खिड़की बैठ जाती,
नई सुबह का संदेश सुनाती।।
दीवारों के बीच घोंसला बनाती,
तिनके- तिनके वह चुन कर लाती।
लोगों का साथ इसे है भाता,
बच्चों से है इसका गहरा नाता।।
नन्हे-मुन्ने इसके सुंदर बच्चे,
पीली चोच और पैर है छोटे।
उनके लिए वह दाना लाती,
खाने का ढंग भी उन्हें सिखाती।।
अम्मा मुझे यह बात बतलाती,
पक्षियों को दो दाना और पानी।
ये सभी हमारी धरती के साथी,
इनका संरक्षण है हमारी जिम्मेदारी।।
