Vaibhav Dubey
Children Stories
हो मन काले कभी वो लोग सुंदर हो नहीं सकते
बहुत बारिश में भी दरिया समन्दर हो नहीं सकते
हुनर दिल को किसी के जीतने का है नहीं जिसमें
ये दुनिया जीत कर भी वो सिकन्दर हो नहीं सकते
माँ की एक हँस...
ग़ज़ल
आ गई होली-ठिठ...
अकड़ी लाश
नववर्ष कब मंग...
अमर बलिदान
कोरोना से बच ...
मैं मजबूर हूँ
जैसी करनी