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Ritu asooja

Children Stories

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Ritu asooja

Children Stories

उपहार में मुस्कान दे आया

उपहार में मुस्कान दे आया

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मुझे भी देना था कोई उपहार

साधारण नहीं ,सामान्य भी नहीं

अद्भुत,अतुलनीय ,बेशकीमती

उपहारों की खोज बीन में मैंने बहुत


समय गवांया फिर भी मुझे कुछ ना

समझ में आया

अब कहां से और

क्या लाता उपहार


उपहार ने बिगाड़ा मेरा व्यवहार

मैं तो भूल बैठा अपना संस्कार

अब कहां से लाऊं अनोखा उपहार

सब कुछ लग रहा था बेकार


अब किसी चमत्कार का था इंतजार

आखिर जश्न का समय आ गया


मैंने शुभकामनाओं का टोकरा

लुटाया , गले लगाया

 उपहार में अपनी मुस्कान दे आया

सारा माहौल खुशनुमा बना आया

उपहार में अपना सर्वश्रेष्ठ दे आया ।



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