एक लड़की है
एक लड़की है
रोज़ सबसे पहले एक झलक उसकी दिख जाती है,
मानो मेरी तो सुबह ही बन जाती है
और झुकी पलकों के साथ मंद मंद सी वो मुस्काती है,
हां "एक लड़की है" जो मुझे खुद से ज्यादा चाहती है
मेरी हर ज़रूरत को ऐसे पूरा कर जाती है,
कोई पूछे उससे तो उसे अपना फर्ज़ बताती है,
मानकर मुझे अपना आईना खुद दुल्हन सी सज जाती है,
हां "एक लड़की है" जो मुझे खुद से ज्यादा चाहती है
ख्वाहिशें तो उसकी भी होगी कुछ,
मगर वो मुझसे कहा कुछ कह पाती है,
मगर ये जो उसकी आंखें खुली किताब सी है ना,
ये मुझसे सब कह जाती हैं, एक मोती भी लाकर देता हूं उसको,
उसे कोहिनूर मान चहचहाती है,
हां "एक लड़की है" जो मुझे खुद से ज्यादा चाहती है
और उसके माथे कि बिंदिया मे मुझको
अपनी किस्मत का तारा दिखाई देता है,
जो अब तक मेरा था हमारा दिखाई देता है,
जब भी गिरता हूँ निराशा के अंधेरों मे
मैं मुझे हाथ पकड़ के बाहर खींच लाती है,
हां "एक लड़की है" जो मुझे खुद से ज्यादा चाहती है।