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Prem Bajaj

Children

4  

Prem Bajaj

Children

एक छोटा बच्चा

एक छोटा बच्चा

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बाल रचना 4


एक छोटा बच्चा


छोटा सा एक बच्चा था ,

अकल का वो कच्चा था।


मस्ती बस वो करता रहता,

हरदम ही वो सोता रहता।


काम ना कोई वो करता था,

डांट स्कूल से खाता था ।


ऊंचा घर-घराना था उसका,

काम हुक्म चलाना था उसका।


नकल मार सदा पास हो जाता,

ऐंठ कर फिर भी वो था चलता।


मां-पापा संग गया घूमने मेला,

छूटा हाथ मां का रह गया अकेला।


आता नहीं कुछ पढ़ना उसको,

घर का पता भी भूला उसको।


रो-रोकर जब हुआ वो बेहाल,

समझ में आई पढ़ाई की चाल।


खाई कसम नहीं करूंगा लापरवाही,

खूब मन लगा कर अब करूंगा पढ़ाई।


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