बेटियां
बेटियां
बेटियों को कमजोर न समझो
बहुत मजबूत होती है बेटियां
माँ के गर्भ मे पल रही होती है,
बेटे, का आशीष सुन रही होती है
कोई नहीं कहता बेटी आ जाये
ये समझ रही होती है बेटियां
फिर भी दुनिया में आने की
हिम्मत रखती है बेटियां।
माँ को बेटे की चाह है
पिता को पुत्र की राह है
बेटी के जन्म पर उत्साह नहीं होता
समझ रही होती है बेटियां l
किन्तु जन्म के अगले ही पल
अपनी जगह बना लेती है बेटियां
इन्हें कमजोर न समझो
बहुत मजबूत होती है बेटियां।
दुनिया में अपनी जगह
खुद बना लेती है बेटियां
मां बाप सगे सम्बन्धियों
सबका प्यार पा लेती है बेटियां
अपनी मनमोहिनी से
सबको लुभा लेती हेे बेटियां
सबके सुख दुखः में
शामिल होती है बेटियां
अपने व्यवहार से घर की
धुरी बन जाती है बेटियां
अब बेटी बिन घर का
पत्ता भी नहीं हिलता,
किंतु नये परिवार में
पुनः भेज दी जाती है बेटिया
प्रेम से स्वीकार कर चली
जाती हैं बेटियां। बेटियो को कमजोर
अब अपनी जगह खुद बनाने को
फिर से तैयार है बेटियां
नया जीवन नया परिवेष
नया परिवार नये नियम
किंतु नयी जगह खुद को
ढाल लेती है बेटियां
इन्हें कमजोर न समझो
बहुत मजबूत होती है बेटियां,
अपनी इच्छाओं का त्याग
सीख जाती है बेटियां
दूसरे की इच्छाओं से चलना
सीख जाती है बेटियां
बहू पत्नी भाभी चाची
और न जाने कितने नये
रिश्तों में सुन्दरता से
बंध जाती है बेटियां
ये सारे रिश्ते बखूबी
निभाती है बेटियां
यहाँ भी तो अपनी जड़े
जमा लेती है बेटियां
अपना व अपनो से जुडे सबका,
जीवन संवार जाती हैै बेटिया,
माँ, पिता, पति, ससुराल सबका
मान बढ़ाती है बेटियां
सबका मान बढ़ाने के लिये
कमजोर होने का ढ़ोग करती है
बेटियाँ इन्हें कमजोर न समझो
बहुत मजबूत होती है बेटियां।