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एक अजीब एहसास था

एक अजीब एहसास था

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किसी बहाने तुमसे नज़रें मिलना,

मिला के नजर को नजर का झुकना।


झुका के नजर को तेरा मुस्कुराना

मुस्कुरा के नजर को नजारा दिखाना

सच में, एक अजीब एहसास था।


थोड़ा थोड़ा था मैं उदास

वो पल बहुत ही खास था

दिल मे बहुत ही आस था

मुझे बहुत विश्वास था।


तन को बहुत प्यास था

जब मैं तेरे पास था

एक अजीब एहसास था।


होश नहीं था पहले मुझको

तेरे साथ में रह के चलने का

अब होश है पर तू नहीं

है अकेले रह के चलने का।


तेरे साथ था एक उजाला था

अब अंधेरों ने घेर रखा है

होगा सवेरा या नहीं

एक अजीब एहसास था।।


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