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तुमसे प्यार हो गया

तुमसे प्यार हो गया

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ना बोलते हो

मेरे दिल से तुम,

तेरा ये दिया दर्द भी हँस कर मैं

सह सा जाता हूँ,


चोरी-चोरी चुपके-चुपके,

तेरे दिये दर्द की

आहें भी भर कर मैं

रह सा जाता हूँ।


गम के खजाने का राजा हूँ

इसीलिए तेराे दिये हुए

सारे गम को मैं

घुंट सा पी जाता हूँ,


मुझे गम दे कर

जो मुस्कुराती हो ना तुम,

तेरी वही मुस्कान को देख कर,

मैं उठ सा जाता हूँ।


मुस्कान तेरी चमकती चेहरे पर

देख कर खिलखिला उठता हूँ

मानों फिर से मैं

जिंदा सा हो जाता हूँ।


तेरी मुस्कान में

बात ही कुछ अलग है,

देख तेरी मुस्कान को मैं

परिंदा सा हो जाता हूँ।


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तुम आज सुनोगी, कल सुनोगी,

यही सोचकर कदम को

आगे बढ़ाते हुए मैं

गुजर सा जाता हूँ।


पर तुम तो मेरी एक ना सुनती,

फिर हारकर हताश मन से,

कदम को रोक कर, खुद मैं

रुक सा जाता हूँ।


समझो इशारा

नजर से मेरी नजर का,

तेरे प्यार में भटक कर बेमतलब

मैं मुसाफ़िर सा हो जाता हूँ।


मत करो अपनी नजर से

मेरी नजर को नजरअंदाज ऐ जाने-मन,

तेरी नजर के नजरअंदाज से

टूट कर मैं बिखर सा जाता हूँ।


अपने ही चली चाल

की राहों पर,

तन्हा खुद को देख कर मैं

रूठ सा जाता हूँ।


कौन संभालेगा

अगर मैं टूट के बिखरा तो,

यही सोचकर मैं

और टूट सा जाता हूँ।।


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