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Yashvi bali

Classics Inspirational

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Yashvi bali

Classics Inspirational

एहसास ही सुकून

एहसास ही सुकून

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एहसास ही सुकून है 

कुछ पल की ज़िंदगी है 

सुनते आए है सब

जीने के अन्दाज़ नए नए

अपनाते आए सब


सफ़र शुरू किया जब

कई सुहाने मोड़ आए

हर पल को जिया  

और पीछे छोड़ आए  


याद नही आया कभी उसे वो

जिस ने रचा था ये संसार सारा


एक सूरज और एक चाँद 

भी बनाया था उसने

सूरज में गर्मी थी पर रोशनी हर मोड़ पे थी

चाँद की रोशनी कम थी

पर शीतलता की कोई होड़ ना थी 

दोनो अपनी जगह पे क़ायम रहे 


एक इंसान ही

ऐसा बनाया जिसे कभी सुकून नही था 

परेशान खुद था

तुझ पे भी सवाल उठाया  

भूल गया हर उस पल , लम्हे को 

जिस को था भरपूर जिया  

धूप और छाँव तो चलेंगे साथ साथ  

जिसको था महसूस किया 


सुकून पाना है तो बेसकूँ क्यूँ होता है 

महसूस कर उसे अपने सब एहसासों में,,

हर पल सुकून मिलेगा तुझे तेरी अपनी साँसो में।


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