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Dr Priyank Prakhar

Drama Romance

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Dr Priyank Prakhar

Drama Romance

दूरियां और नज़दीकियां

दूरियां और नज़दीकियां

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मैंने कहा उनसे,

नजदीक मेरे यूं ना आओ के दूरियों का ख्याल ना रहे,

क्यूंकि कहीं फिर तुम तुम ना रहो और हम हम ना रहे,

खता तो हुस्न की है, हम अपने मिजाज की क्यों कहें,

खता मिजाज की होगी तब, जब ख्यालात हद में रहें।


उसने जवाब दिया,

गुफ्तगू करने को यार तुमसे, नजदीक तो आना होगा,

रखी थी हमने दूरियां, गवाह इसका यह जमाना होगा,

खता तुम्हारे मिजाज की, हमको सबको बताना होगा,

जज्बात मिजाज के ऐसे होंगे, तो हुस्न दीवाना होगा।


हमने फ़रमाया,

दूरियां रहें पर दिलों के दरम्यां फासले ना होने चाहिए,

मुलाकातें ना हो तो सिलसिले बातों के तो होने चाहिए,

ख्याल में रहे एक हुस्न तेरा मेरा मिजाज होना चाहिए,

रिश्ते की तासीर रहे ऐसी ही मेरा जवाब होना चाहिए।


उन्होंने जवाब लहराया,

बुलाऊं तो ख्यालों में मेरे तुम्हारे मिजाज को आना होगा,

दूरियां हों या कितने भी हो फासले ना कोई बहाना होगा,

ना खता हुस्न की ना मिजाज की ये हमको बताना होगा,

ये रिश्ता है हमारे प्यार का जो हर हाल में निभाना होगा।


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