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Phool Singh

Drama Classics Inspirational

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Phool Singh

Drama Classics Inspirational

महाराजा रणजीत सिंह

महाराजा रणजीत सिंह

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शेर-ए पंजाब है जो कहलाते

जन्म गुजरांवाला में पाया था

पिता गंवाते छोटी उम्र में 

रोशनी एक आंख की चेचक से गंवाया था।।


कोहिनूर हीरा उनके पास में 

जो राज्य की रौनक कहलाया था

दूरदर्शी राजा सांवले रंग का 

नाटा कद जो पाया था।।


उपाधि महाराजा की धारण करता

राजधानी लाहौर को अपनी बनाया था

लड़ाई लड़ता अफ़ग़ानों के खिलाफ कई

उन्हें पश्चिमी पंजाब की ओर भगाया था।।


पश्तून संग पेशावर जीता

अधिकार कश्मीर-आनंदपुर पर जमाया था

सिख खालसा सेना संगठित करता

पंजाब को शक्तिशाली सूबा बनाया था।।


पंजाब राज्य हड़प सके न

जो अंग्रेजों को दूर भगाया था

शिक्षा और कला को प्रोत्साहन देते

जो कभी न शिक्षा पाया था।।


कायम करता सही कानून एवं व्यवस्था

जजिया कर पर रोक लगाया था

हरिमंदिर में संगमरमर लगवाया

जो फिर स्वर्ण मंदिर कहलाया था।।


हिंदू-मुस्लिम, सिख-ईसाई

न अमीर-गरीब में भेद कराया था

पटना-हुजूर साहिब का निर्माण कराता

अफगान शासक शाह शुजा को बचाया था।।


धर्मनिरपेक्ष एक शासक था ऐसा 

जो न सर ताज सजाया था

हर किसी को बराबर कहता 

प्रजा से बेपनाह प्यार वो पाया था।।


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