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Shilpy Seth

Drama Inspirational

1.0  

Shilpy Seth

Drama Inspirational

विश्वास, संघर्षों से लड़ने का

विश्वास, संघर्षों से लड़ने का

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चूँ-चूँ कर के गाती हो,

तुम मीठा गीत सुनाती हो,

जीवन के इस नीरस पल को,

कैसे मधुर बनाती हो तुम ?


उड़ती हो स्वच्छंद,

रहती हो मदमस्त गगन में,

नभ की आज़ादी को छोड़,

यहाँ धरती पर क्या पाती हो तुम ?


नन्हे-नन्हे से हैं पर ये तेरे,

ऊँची तेरी उड़ान है,

संघर्षों से लड़ने का विश्वास,

कहाँ से लाती हो तुम ?


जिसका अर्थ ना जाना हमने,

उस तृण का मूल्य बताती हो,

बिखरे तिनकों को समेटने का इतना,

साहस कैसे लाती हो तुम ?


कुछ सिखला दो मुझको भी,

कुछ बतलादो मुझको भी,

मुश्किल से हालातों में,

वृष्टि और तूफानों में,

जीवन को जीते रहने का ये,

हुनर कहाँ से लाती हो तुम ?


जीवन के हर नीरस पल को,

कैसे मधुर बनाती हो तुम ?


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