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shubhangi arvikar

Romance

4  

shubhangi arvikar

Romance

दूर की चाहत

दूर की चाहत

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मैं तेरी दूर की चाहत सही,

तेरे दिल के करीब हूँ, ये कुछ कम नहीं।

हर रोज़ तेरा दीदार न सही,

दिल के आईने में तू है, ये कुछ कम नहीं।


मैं तेरा खिलता चाँद न सही,

तेरी नज़र का तारा हूँ , ये कुछ कम नहीं।

इन जिस्मों में दूरियाँ मीलों की सही,

दिल की धड़कन संग है, ये कुछ कम नहीं।


मैं तेरे जीवन की डोर न सही,

तेरी उम्मीद का धागा हूँ, ये कुछ कम नहीं।

तू मेरा हमसफ़र न सही,

मेरा हमराज़, हमदर्द है, ये कुछ कम नहीं।


हो प्यार ये पूरा ख्वाब में सही,

ख्वाबों पर हक़ है मेरा, ये कुछ कम नहीं।

तक़दीर का भले हो ये खेल सही,

इस खेल में तू साथ है, ये कुछ कम नहीं। 


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