STORYMIRROR

shubhangi arvikar

Abstract

4  

shubhangi arvikar

Abstract

हमें अंदाज़ा नहीं था

हमें अंदाज़ा नहीं था

1 min
410

हमें अंदाज़ा नहीं था

ये वक़्त इतनी जल्दी बीत जाएगा


ये हरियाली जल्दी सुख जाएगी

ये रास्ता कहीं भटका जाएगा


अंदाज़ा ना था इरादों का तेरे

तेरे संग इतने रोशन थे सवेरे


पर तू ही तनहा कर जाएगा

उमीदों के चिराग़ बुझा जाएगा


मेरी ख़ुशियाँ ग़ैरों को दे जाएगा

ना था अंदाज़ा तू इस क़दर चला जाएगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract