दस्तक
दस्तक
आने की दस्तक से तुम्हारी
मन खुशियों से भर गया।
हर पल मिलने की चाहत में
मन खुशियों से भर गया।
मेरे इस खाली दामन को
ममता के सूने आंगन को।
प्यार से तुमने जगा दिया
मन खुशियों से भर गया।
कौन हो तुम कैसे लगते हो
अनदेखे अनजाने से।
पल पल देखने की ललक में
मन खुशियों से भर गया।।
नए एहसास हो रहे तन में
नई उमंगे जागी मन में।
तन मन के रंग महल को
नये रंगों से भर दिया।
आने की दस्तक से तुम्हारी
मन खुशियों से भर गया।