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Samar Pradeep

Romance Inspirational

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Samar Pradeep

Romance Inspirational

दरिया

दरिया

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कश्ती पर ऐसा भार न हो,

जिससे ये दरिया पार न हो

टूटो तो इतना ही टूटो,

जितने से दिल बीमार न हो,


फूल बिछाओ राह में उस की,

याद रहे कोई ख़ार न हो,

ग़लती हो भी तो ऐसी हो,

ग़लती वो जो हर बार न हो,


तामीर करो घर घर जैसा,

घर वो जिस में दीवार न हो।


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