फूल सदाएँ देते हैं हर बार उसे
फूल सदाएँ देते हैं हर बार उसे
फूल सदाएँ देते हैं हर बार उसे
मैं ले जा सकता हूँ दरिया पार उसे
यूँ तो आसान बहुत है उसको पा लेना
देना उसके हिस्से का बस प्यार उसे
घर का हर शै उसको अच्छा लगता है
बस नइ भाते हैं दर-ओ-दीवार उसे
सस्ती मंहगी सी दुनिया में इक लड़का
देता है गुल-ओ-गजरा-ओ-हार उसे
कहते हैं हुस्न-ए-सीरत की बुत है वो
कहते हैं हुस्न परी मेरे यार उसे।