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Samar Pradeep

Tragedy Classics

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Samar Pradeep

Tragedy Classics

नज़र

नज़र

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400

मिरी नज़र में कोई कम नज़र नहीं

हाँ आपको लगा होगा मगर नहीं


हरिक हुनर सिखाऊंगा बेटे को पर

फ़रेब देने वाला इक हुनर नहीं


सहम गया है बच्चा इस सवाल पर

किताब में ये क्यूँ तिरे कवर नहीं


पेशानी चूमने वाले वो लड़के ने

सुना नहीं इधर नहीं इधर नहीं


दरख़्त पे नए समर आने को हैं

अभी मुकर नहीं अभी मुकर नहीं।


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