रास आने लगे काले बादल मुझे
रास आने लगे काले बादल मुझे
1 min
386
रास आने लगे काले बादल मुझे
धूप जां पर न हो वां पर ले चल मुझे
दश्त में कौन आख़िर रहता है मिरा
कौन आवाज़ देता है पल - पल मुझे
बस यही सुन के हलचल है बाज़ार में
जब कहा तुम ने ला कर दो पायल मुझे
दो घडी की मुलाक़ातें उस पर ये दुःख
टाल देना तिरा कर के कल-कल मुझे
फ़ैसला ले चुका था वो कब का "समर"
और उस पर बताया उसने कल मुझे ।
