दिले अल्फाज
दिले अल्फाज
हमें प्यार की भाषा वो सिखा रहे हैं
कैसे करना है मोहब्बत हमें बता रहे हैं।
जो खुद घूमते हैं खुली सड़कों पर
घर में रहना हमें वो सिखा रहे हैं।
खुलकर हंसना तो मेरी आदत है
हमारी हंसी पर रोक वो लगा रहे है।
खुद में तो संस्कार का नाम नहीं है
हमें संस्कार पूर्ण वो बना रहे हैं।
जिनके बोलने का कोई मतलब नहीं है
मतलब भर बोलना हमें वो बता रहे हैं।
नहीं संभाल पा रहे हैं जिम्मेदारी परिवार की
और हक हम पर वो जता रहे हैं।