दिल
दिल
हाथों में हाथ थामे चलता है,
पर साथ कभी देता नही।
रोज देखे वो चाँद को,
हसीन उसे कभी लगा नही।
बारिश शोर लगती है उसे,
आँखों से बरसे वो पानी।
जिसे कभी खामोशी समझ न आई,
मैं भी दिल उसी से हारी।
हाथों में हाथ थामे चलता है,
पर साथ कभी देता नही।
रोज देखे वो चाँद को,
हसीन उसे कभी लगा नही।
बारिश शोर लगती है उसे,
आँखों से बरसे वो पानी।
जिसे कभी खामोशी समझ न आई,
मैं भी दिल उसी से हारी।