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shivani j

Others

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shivani j

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ख़्वाब

ख़्वाब

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होठों पे हँसी,

फिर दिल में ग़म क्यों है ?

खुश हूँ अगर मैं,

तो आँखें नम क्यों हैं ?


ख़्वाब और सिक्कों को

तराजू में तोला,

तो ख़्वाब सिक्कों से

भारी क्यों है ?


मंज़िल है सामने पर 

न जाने प्यार रास्तों से क्यों हैं ?


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