shivani j
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होठों पे हँसी,
फिर दिल में ग़म क्यों है ?
खुश हूँ अगर मैं,
तो आँखें नम क्यों हैं ?
ख़्वाब और सिक्कों को
तराजू में तोला,
तो ख़्वाब सिक्कों से
भारी क्यों है ?
मंज़िल है सामने पर
न जाने प्यार रास्तों से क्यों हैं ?
क्या ये संभव ...
कहानी वही पुर...
पहेली
दिल
जाना नहीं
कसूर
कोशीश
कौन हूँ मैं ?
ख़्वाब