जाना नहीं
जाना नहीं
यूँ रुबरू आए हो तो 'अभी' जाना नहीं
ये हसीन पल कर न जाया अभी।
दूर से ही देखु तुम्हे तुम करीब आना नहीं
खैर अब आए हो तो छूकर देखु तुम हो न ?
तुम्हारा साया तो नहीं ?
ये हसीन पल कर न जाया अभी
तुम दर्द हो या दवा ?
छूकर गुजरे वो हवा ?
अब आँखे मत फेरना मुझसे
डूब कर मरने दे अब इतमिनान से।
जब तुम छुओगे तो सांसें फिर आएंगी
कोई हसीन ख्वाब दिखा जाएंगी
फिर आँखे खींच के शरम ले आंएगी।
यूँ रुबरू आए हो तो 'अभी' जाना नहीं
ये हसीन पल कर न जाया अभी।

