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Minal Aggarwal

Tragedy

4  

Minal Aggarwal

Tragedy

दिल में दर्द है

दिल में दर्द है

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दिल में 

दर्द तो है बहुत 

पर मैं इसे 

छलकने नहीं दे रही 

आंसू भी आंखों के 

सूख गए हैं 


मन के आसमान पर 

बादल छाये तो हैं 

घनघोर पर 

मैं उन्हें जमीन पर 

बरसने नहीं दे रही 

मैं नदियों को 

एक एक करके समेट

रही हूं 


अपने मन के तन के धरातल पर

रखी गागर में

सागर से मिलने जा 

रही हूं 

तुम मेरे जीवन की 

दर्द भरी 

कहानी सुनकर 


आखिर करोगे भी क्या 

मुझे छोड़कर 

तुम्हारे पास 

इस दुनिया से जुड़े 

काम है बहुत।


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