दिल की बात दिल से
दिल की बात दिल से
आज दिल कर रहा है दिल से दिल की बाते कहने की
आज दिल कर रहा है उस दिल से कुछ पूछने की
जो दिल रहता है हमारे दिल में धड़कन कि तरह
ना जाने यह कैसी पहेली है या है कोई उलझन इस दिल की
या फिर है कोई हसीन फरेब हमारे दिल में
बसने वाले दिल के धड़कन की
कभी कभी लगता है वह दिल है वादा मासूम सा
कभी कभी लगता है वह दिल करता है कोई साज़िश
ज़माने की तरह
ना जाने यह कैसी पहेली है या है कोई उलझन इस दिल की
मानते है नहीं है कोई खास अल्फ़ाज़ जो लाए इस में शायरी की बात
पर इतना जरूर है जो भी है इस में भरे हुए है हमारे दिली जज़्बात